Book Title: Nitya Mangal aur Gautamswami Ka Ras
Author(s): Dharnendrasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 52
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ५१ जिन वनकेतकी महमए । जिम भूमीपति भुयबल चमके, जिम जिनमंदिर घंटा तिम गोयम लब्धे चिंतामणि कर चढिओ आज, सुरतरु कामगवी पूरे मनकामिय, वंछितकाज, सारे कामकुंभ सौ वश हुओ ए । अष्ट महासिद्धि आवे धामिय, पणवक्खर पहेलो पभणीजे, मायाबीजइ सो Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सामिय गोयम अणुसरो ए ।। ५६ ।। रणके, गहगहेए ।। ५५ ।। देवह धुरि अरिहंत नमीजे, विनय पहुत्त उवझाय इण मंत्रे गोयम निसुणीजे, श्रीमति शोभा संभवे ए । परि परि वसतां कांइ करीजे, देश प्रह उठी गोयम समरीजे, काज थुणीजे, नमो ए ।। ५७ ।। देशांतर कांइ भमीजे कवण काज आयास करो । समरगह ततखण सीझे, नवनिधि विलसे तास धरे ।। ५८ ।। For Private And Personal Use Only

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