Book Title: Niti Tattvadarsh Yane Vividh Shloak Sangraha
Author(s): Ravichandra Maharaj
Publisher: Ravji Khetsi

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Page 11
________________ ..... श्लोकोनुं भाषांतर करी आपवामां तथा एक सपासमामां कवि स्का नशी मेणशी दुर्मराकरे आ पुस्तक माटे तनसोड परिश्रम लीयो छे, ते बदल तथा अ पुस्तकमा प्रांत भागमां गुजराली दोहा दाखल करवामा आख्या छ, तनो संग्रह करकामां शा. नानजी रामजी सलचाणा कळाए श्रम लीयो छे, तेमन केटलीक रकमी भराषवामां शा. जेवत पचाण मोटी खाखरवाळाए कईक श्रम उठाव्यों छे ते बदल ए सर्वनी आ स्थळे आभार मानवानी हुं मारी फरज समजें कु. कार्तिक शुक्ल १ वि.सं. १९७४ । । प्रकाशक.

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