Book Title: Navkar Mahamantra Vaigyanik Anveshan
Author(s): Ravindra Jain, Kusum Jain
Publisher: Keladevi Sumtiprasad Trust

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Page 92
________________ 88 / महामन्त्र णमोकार : एक वैज्ञानिक अन्वेषण पीला . हृदय के लिए लिए शुभ है, यह मानसिक दुर्बलता दूर करने के लिए टानिक है । मानसिक उत्तेजना को भी यह दूर करता है । सुपुम्ना पर प्रयोग करना चाहिए। हरा नेत्र-दृष्टि वर्धक है । शान्त और शमनकारी है। फोडो या जख्मो को तुरन्त भरता है । व पेचिश मे लाभकारी है। नीला दर्द शान्त करता है। खुजली शान्त करता है। मानसिक रुग्णना मे भी कार्यकर है। आसमानी रग · पाचन क्रिया मे तीव्रता के निमित्त इसका उपयोग होता है। तपेदिक-शमन है। बैंगनी रग दमा, सूचन, अनिद्रा मे उपयोगी है। रश्मि विज्ञान एव रग विज्ञान से सम्बन्धित कतिपय वैज्ञानिक मशीने या यन्त्र ये है। इनके द्वारा विधिवत् किरणों की परीक्षा की जा सकती है। 1 रश्मिचक्र (Chromo disk)-यह कुप्पी के आकार का ताबे का यन्त्र होता है। इसके भीतरी भाग मे निकिल या अल्युमिनियम की की एक परत होती है। इससे प्रकाश सरलता से प्रतिविम्बित होता है। शरीर मे गरमी भरने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। सूर्य प्रकाश के स्थान पर इसका उपयोग होता है। किसी विशेष रग के प्रकाश के लिए उस रग का शीशा इमकी भीतरी सतह पर रख दिया जाता है। 2 रश्मि दर्पण · (Chromo lense)--यह यन्त्र दुहरे वर्तुलाकार शीशे से बनता है। इसमे किरणे पानी में प्रतिबिम्बित की जाती है और फिर वे तिरछी होकर शरीर को छती है। जल सम्पर्क के कारण ये किरणे अधिक शुद्व एव शक्तिमती बन जाती हैं। ___3 ताप प्रकाश यन्त्र (Thermolume)-इस यन्त्र के भीतर लेटकर रोगी आसानी से प्रकाश-स्नान कर सकता है। रोगी के अग विशेष पर ही प्रकाश विकीर्ण किया जाता है। इससे शरीर के रुग्ण स्थलीय कीटाणु नष्ट हो जाते है।

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