Book Title: Natyadarpan Hindi
Author(s): Ramchandra Gunchandra, Dashrath Oza, Satyadev Chaudhary
Publisher: Hindi Madhyam Karyanvay Nideshalay Delhi

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Page 527
________________ ४१० ] नाट्यदर्पणम [ उपसंहारः - इति श्री रामचन्द्र-गुणचन्द्रविरचितायां स्वोपक्षनाट्यदर्पणाविवृत्ती सर्वरूपकसाधारणलक्षणनिर्णयो नाम चतुर्थो विवेक : मी रामचन्न-गुणचन विरचित स्वनिर्मित नाव्यदर्पणको विवृत्ति में सबसपकोंके समान विषयोंका प्रतिपादन करनेवाला चतुर्व विवेक समाम हुमा ॥ उत्तरप्रदेशस्थ 'पीलीभीत' मन्डलान्तर्गत 'मकतुल' प्रामनिवासिना भी शिवलाल-बलशी-महोदयानां तनुजनुवा वृन्दावनस्य-गुरुकुल विश्वविद्यालयाषिगतवियेन, तत्रत्याचार्यपवमधितिष्ठता, एम० ए० इत्पुपपवारिणा विद्यामार्तडेन' भीमदाबार्यविश्वेश्वरसिद्धान्तशिरोमणिना विरचिता 'मायापरणदीपिका' हिम्बोम्याल्या समाप्ता। समाप्तश्चार्य प्रन्यः । . समाप्त Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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