Book Title: Nandisutrasya Churni
Author(s): Rushabhdevji Keshrimalji Shwetambar Samstha, 
Publisher: Rushabhdevji Keshrimalji Shwetambar Samstha

View full book text
Previous | Next

Page 231
________________ नन्दीहारमा वृत्ती ॥११॥ गडिकानु..योगे चित्रान्तरगंडिका SARASWAKARAA सिवगतिपढमादीए बितियाए तह य होति सबढे । इय एगंतरियाई सिवगइसबढठाणाई ।। २१ ।। एवमसंखेज्जाओ चित्तरगाडियाओ णेयव्वा । जाव जियसत्तुराया अजियजिणपिया समुप्पन्नो ॥ २२ ॥ एवं गाहाहिं चिचंतरगंडियाओ समचाओ । इमा य एयासिं ठवणा एत्तिया लक्खा सिद्धिगया १४ | १४ १४ | १४ | १४ | १४ [१४ १४ | १४ | १४ १४ एतिया सबढ़ गया, | १ | २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ १०५० एवं जाव असंखा पुरिसजुगा सिद्धा एसा पढमा, अओ परं |१| २ | ३ | ४ ५ ६ ७ ८ ९ १०५० सव्वट्ठपि गया एत्तिआ लक्खा -सिद्धा एत्तिया लक्खा ॥ एवंपि असंखेज्जा पुरिसजुगा सिद्धा, | १४ | १४ | १४ १४ १४ १४ | १४ | १४ | १४ | १४ | १४ | एसा बीया, अओ परं ३ | ४ | ५ ६ सम्वद्वेवि गया एतिया लक्खा. २ ७ |एवं जाव असंखेज्जा आवलिया, सिद्धा एत्तिया लक्खा २ ३ ४ ५ ६ ७ RAKAR

Loading...

Page Navigation
1 ... 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238