Book Title: Na Janma Na Mrutyu Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Pustak Mahal View full book textPage 3
________________ श्री चन्द्रप्रभ की आत्म-विकास पर श्रेष्ठ पुस्तकें __ जिएं तो ऐसे जिएं जिएं तो हमारी सोच और शैली में छिपा है जीवन की हर सफलता का राज़। इसी राज़ को व्यावहारिक जिए तथा आध्यात्मिक तौर-तरीके के साथ उदघाटित किया गया है इस पुस्तक में। यह विश्वासों, मान्यताओं और मूल्यों को सकारात्मक बनाने का एक सार्थक प्रयास। हिरी लक्ष्य बनाएं, पुरुषार्थ जगाएं जीवन में सफलता के शिखर पर पहुंचाने वाली प्रकाश किरण से ओत-प्रोत एक विशिष्ट पुस्तक। आध्यात्मिक-पुरुष के चिंतन एवं अनुभवों द्वारा व्यावहारिक दिशा निर्देश। ये उदबोधन राह भी दिखाएं तथा कठिनाइयों को दूर करने में सहायता करें। पुस्तक महल की पुस्तकें देश-भर के रेलवे, रोडवेज तथा अन्य प्रमुख बुक स्टॉलों पर उपलब्ध हैं। अपनी मनपसंद पुस्तकों की किसी भी नजदीकी बुक स्टॉल से मांग करें। यदि न मिलें, तो हमें पत्र लिखें। हम आपको तुरंत वी.पी.पी. द्वारा भेज देंगे। पुस्तक महल की पुस्तकों की निरंतर जानकारी पाने के लिए विस्तृत सूची-पत्र मंगवाएं या हमारी वेबसाइट देखें www.pustakmahal.com Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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