Book Title: Na Janma Na Mrutyu Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Pustak Mahal View full book textPage 2
________________ न जन्म, न मृत्यु 'अष्टावक्र-गीता' पर दिए गए अमृत प्रवचनों का संकलन 'अष्टावक्र-गीता' मनुष्य की उस अन्तर्दष्टि को खोलना चाहती है, जहां जाकर आदमी अपने वास्तविक सुख, स्वास्थ्य, आनंद और प्रकाश का स्वामी बनता है। अगर द्रष्टि को स्वस्थ बनाना है, तो दृष्टि को स्वच्छ करो, सदा गुणग्राही और सर्वदर्शी बने रहो।। 'अष्टावक्र-गीता' उन लोगों के लिए अमृत वरदान है, जिनके अंतःकरण में आत्मज्ञान की तीव्र अभिलाषा है। 'अष्टावक्र-गीता' के माध्यम से हम सभी अन्तर्जगत की गहराई में उतरते जा रहे हैं। ... इसी पुस्तक से Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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