Book Title: Muze Narak Nahi Jana Author(s): Vimalprabhvijay Publisher: Vimalprabhvijayji View full book textPage 3
________________ श्री पावापुरी तीर्थधाम । एवम् जीव मी धागा 4T1XCEL पावापुरा दिल्ही-कंडला हाईवे, कृष्णगंज, जि. सिरोही (राज.) ३०७ ००१ फोन : ०२९७२-२८६८६६, २८६८६७, २८६८६८ श्री पावापरी तीर्थधाम.... फेक्स : ०२९७२-२८६८१४ मालगांव, जिल्ला-सिरोही (राजस्थान) निवासी 'संघवी श्री पावापुरी तीर्थधाम के प्रतिष्ठापक, कलिकाल के पुनमचंदजी धनाजी बाफना, के.पी. संघवी परिवार' जैन कल्पतरु, अध्यात्मयोगी परम पूज्य आचार्य भगवंत श्वे.मू.पू. तपागच्छ विशा ओसवाल द्वारा आयोजित व निर्मित हुआ श्रीमद् विजय कलापूर्णसूरीश्वरजी महाराजा का स्मृति यह तीर्थ ६०० वीघा जमीन (१,०४,५४,४०० घनफूट) में फैला गुरुमंदिर निर्माणाधीन है । श्री पावापुरी नाम को लेकर हुआ श्री पावापुरी तीर्थधाम अद्भुत विशालता और सौंदर्य का भगवान श्री महावीर के २६०० वर्ष के उपलक्ष में श्री अलौकिक रुप है । यहाँ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान का भव्य पावापुरी जलमंदिर और भगवान वीर देशना स्वरुप जिनालय है । साधर्मिकों का स्नेह है, धर्मशाला एवं साधर्मिक समवसरण मंदिर का निर्माण, भगवान श्री महावीर के भक्ति भवन की भी सुंदर सुविधाएँ है | प्राणीसृष्टि के पालन व सत्तावीश भव, चोवीस तीर्थंकरो, कैवल्य वृक्ष और पोषण के लिये गौशाला के रुप में ७००० अबोल पशुओं के चरणपादुका, तीर्थाधिराज श्री शत्रुजय गिरिराज करुणासागर ऐसा कामधेनु तीर्थ है । ऐसा समजो की, की रचना, श्री शत्रुजय नदी, श्री शत्रुजय डेम "ईशावास्यम् ईदं सर्वम्" यहाँ ही आया हुआ है । यहाँ के आदि का अभूतपूर्व आयोजन ५००० अट्ठम तप मध्य में स्थित श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान का जिनालय आराधको, हजारो ओळी आराधको, चातुर्मास आराधको और भगवान श्री महावीर के चरणस्पर्श से पवित्र हुई यह पावन और उपधान तप आराधको के तप-जप-बल से यह भूमि वसुंधरा है। २०,००० घटादार वृक्षों से सुशोभित ऐसे आह्लादक पवित्र है । हजारो संतों के चरणस्पर्श और उनके वातावरण में तपोवन है । पूजा-भक्ति के लिये ५०० चंदन वृक्षों का रजकण से बना हुआ व पवित्र विहारभूमि भी है। आरोपण कार्य का किया गया है | जैन धर्म के सात क्षेत्रों और जय... जय... जय... जीवदया का महासागर है । भक्ति, शौर्य, दान और सेवा से भरपूर सौंदर्यमय नंदनवन है । मरुधर में एक नया कल्पवृक्ष ___श्री पावापुरी तीर्थधाम-जीवमैत्री धाम... श्री पावापुरी तीर्थधाम जीवमैत्री धाम है। ......Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 81