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२२७ बिजली का बटन ऊँचा हो तो कमरे में अँधेरा छाया रहता है और यदि नीचा हो जाय - नम जाय तो प्रकाश हो जाता है। 'मन' को उलटने पर 'नम' बनता हैं । अहंकार को अंकुशमें रखने के लिए नमस्कार की ज़रूरत है; इसी लिए जैन धर्म में प्रचलित सबसे बड़े मन्त्र का नाम 'नमस्कार मन्त्र' है ।
एक रूपक द्वारा विनय पर बहुत अच्छा प्रकाश डाला गया है।
समुद्र ने एक दिन नदी से कहा : "तू बहुत-सी चीजें अपने साथ बहा-बहा कर भेंट करती है, परन्तु मुझे उनसे सन्तोष नहीं है ।"
नदी : "तो आप क्या चाहते हैं ? जो भी चाहते हों, निस्संकोच बता दीजिये । आपको सन्तुष्ट करने के लिए मैं उसे ले आऊँगी :"
समुद्र : "मैं वेत्रलता से मिलना चाहता हूँ। क्या उसे ला सकेगी तू ?"
नदी : "क्यों नहीं ? जब मैं बड़े-बड़े पेड़ों को अपने साथ बहा लाती हूँ तो वेत्रलता मेरे सामने किरा खेत की मूली है ? मैं अभी लाती हूँ।"
फिर नदी ने बाढ पर बाढ लाकर वेत्रलताको उखाड़ना चाहा, किन्तु उसमें उसे जरा भी सफलता नहीं मिली। वह अत्यन्त निराश होकर समुद्र के पास आई और बोली : जिसमें विनय होता है- नम्रता होती है, उसे उखाड़ने की शक्ति किसी में नहीं है। मैंने अपनी बाढ़ के द्वारा उसे उखाड़ना चाहा और वह तत्काल झुक गई। मैं क्या करती?
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