Book Title: Meri Bhavna
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 4
________________ पं. जुगलकिशोर मुख्तार जन्म - 20 दिसम्बर 1877 स्वर्गवास - 22 दिसम्बर 1962 प्राच्यविद्या महार्णव पं. जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के गम्भीर अध्येता और मौलिक चिन्तक थे। आपका अधि कांश समय जैन साहित्य, कला एवं पुरातत्त्व के अध्ययन, अनुसंधान में ही व्यतीत हुआ। आपने महानगरी दिल्ली में वीर सेवा मंदिर की स्थापना में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया और जैन साहित्य, दर्शन, इतिहास और पुरातत्त्व की शोध पत्रिका 'अनेकान्त' का लम्बे समय तक सम्पादन किया। समाज में उठने और चलने वाले प्रायः सभी सुधारवादी या प्रगतिगामी आन्दोलनों से आपका प्रत्यक्ष या परोक्ष सम्बन्ध रहा है। सामाजिक कुरीतियों और भ्रान्त धारणाओं के ये निर्भीक आलोचक थे। आपने 36 से अधिक प्राचीन महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का लेखन एवं सम्पादन किया है तथा 200 से अधिक आलेखों की स्वतंत्र रूप से रचना की है। सन् 1916 में रचित आपकी कृति 'मेरी भावना' सम्पूर्ण राष्ट्र में समादर की दृष्टि से देखी जाती है। यह प्रार्थना किसी धर्म विशेष की न होकर विश्व के सभी धर्मों की समवेत प्रार्थना के रूप में स्वीकार की गयी है।

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