Book Title: Meri Bhavna Author(s): Jugalkishor Mukhtar Publisher: Veer Seva Mandir Trust View full book textPage 23
________________ 21 | मेरी भावना सुखी रहें सब जीव जगत् के, कोई कभी न घबरावे। बैर पाप अभिमान छोड़ जग, नित्य नये मंगल गावे । घर-घर चर्चा रहे धर्म की, दुष्कृत दुष्कर हो जावें। ज्ञान-चरित उन्नत कर अपना, मनुज जन्म फल सब पावें।।9।।Page Navigation
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