Book Title: Meri Bhavna
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 11
________________ 19 । मेरी भावना रहे सदा सत्संग उन्हीं का, ध्यान उन्हीं का नित्य रहे। उन्हीं जैसी चर्या में यह चित्त सदा अनुरक्त रहे । नहीं सताऊँ किसी जीव को, झूठ कभी नहिं कहा करूँ। परधन वनिता पर न लुभाऊँ संतोषामृत पिया करूँ।।3।। ATION

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