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करना। प्रतिबोध = जानकारी। श्रमणचर्या = साधु का आचार |महाविदेह = स्थान विशेष, जहां से जीव निरन्तर मोक्ष जाते हैं।
अभ्यास 1. शकडाल किस धर्म-सम्प्रदाय को मानने वाला था ? 2. भगवान महावीर के आगमन की सूचना शकडाल को कैसे मिली? 3. महावीर की देशना के सत्य को जब शकडाल हृदयंगम नहीं कर पाया तब भगवान ने उसे किन
उदाहरणों से समझाया? 4. नियतिवाद और पुरुषार्थवाद से आप क्या अर्थ समझते हैं ? 5. व्यक्ति के विचार बदलने से जीवन बदलता है, इसे आप शकडाल के उदाहरण से स्पष्ट करें। 6. गोशालक ने अपने अनुयायी को पुन: अपने सम्प्रदाय में लाने के लिये क्या प्रयत्न किया? 7. महागोप, महानियामक और महासार्थवाह से आप भगवान महावीर के किन-किन गुणों को जानते
है
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सत्यान्वेषी शकडालपुत्र/55