Book Title: Mahavir Darshan
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Vardhaman Bharati International Foundation

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Page 4
________________ 移件發發發發特鲁鲁格發聲聲聲聲聲聲落接针 群群群科發發發發發發發發發 वर्धमान भारती इन्टरनैशनल फाउन्डेशन, बेंगलोर प्रस्तुत एल.पी., सी.डी., कैसेट “महावीर दर्शन" श्री कल्पसूत्र, श्रीमद् राजचंद्रजी की तत्वदृष्टि तथा काव्य कृतियाँ एवं श्री शांतिलाल शाह के गीतों पर आधारित गीत-कथा : लेखन-निर्देशन-कथन-गान : प्रा. प्रतापकुमार ज. टोलिया 4-48-49-48-49--0-49--0-0-0-0--00-00--09--00-00-00-16--10--26--06--24-10--*-*-*-10-02-20-40-40-40-90-9-10-19--00-40-10--10-14-4-9- 49--0--09---- कल्याणपादपारामं श्रुतगंगा हिमाचलम् । विश्वाम्भोज रविं देवं वन्दे श्री ज्ञातनन्दनम् ॥ (सूत्र-ध्वनि)“जे एगं जाणइ, से सव्यं जाण्इ।" "जो 'एक' को - आत्मा को - जान लेता है, वह सब को, सारे जगत को जान लेता है।" (मंत्र-ध्वनि) ॐ नमो अरिहंताणं नमो सिध्धाणं। नमो आयरियाणं नमो उवायाणं । नमो लोए सव्व साहूणं। एसो पंच नमुछारो। सव्व पावप्पणासणो। मङलाणं च सव्वेसिं। पढम हवइ मंगलम् ॥ (प्रवक्ता M) अनादिकाल से चला आ रहा है यह मंत्र - नमस्कार महामंत्र : व्यक्ति को नहीं, गुणों को पूजनेवाला विश्व-कल्याण का महामंत्र । अरिहंतपद सिध्धपद की पूजना के द्वारा स्वयं को अरिहंतपद-सिध्दपद-परमात्मपद दिलानेवाला महामंत्र ..... पंच-परमगुरुओं में निहित आत्म तत्व-केन्द्रित महामंत्र ।

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