Book Title: Mahaveer Vani
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Sastu Sahityavardhak Karyalay Mumbai

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Page 159
________________ पद तसं पांगे तस्सेस मग्गो तहियाणं तु तदेव काणं तहेव बहरं तदेव फरसा तदेव सावज्ज तिण्णा सि तिव्वं तसे तुलियाण तैड-पम्हां तेणे जहा तैसि गुरूणं तं अप्पणा तं देहवास भाव कोहा दैतसोहण - दाराणि सुया दिट्ठ मियं दिव्यं माणुस - 'दुक्ख ह [ ५६ ] पनो अंक पार्नु भकि २५८ दुज २०७ | दुष्परिचया २२९ | दुमपत्तए ३० | दुल्हे स्खल - २५३ | देव-दाणव ३२ धंग-धन्न २५ धम्मल २९ / धम्मो अहम्मो ३६ धम्मो मङ्गल १९८ धम्मं पि हु २४० धीरस्स पस १०४ / न कंम्मुणा २५४ नं कामभोगा ३४ / न चित्ता २८१ न जाइमत्ते ८५ न तस्स जाई ३७ न तस्स दुक्खं १६९ न तं अरी २६ नं परं वइज्जासि २६१ न य पावपरिक्खेवी १३४ न य वुग्गहियं पानो बैंक ६४ १६५ ११ ५६ ५ ५० २२ १२ः १९ २१ १४१ १७८ २७९ ३०६ १७७ २१८ ૨૦૮ ८० २७२

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