Book Title: Lokprakash Part_1 Author(s): Vinayvijay Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund View full book textPage 8
________________ ग्रन्थ सूची. अंकः प्रमथनाम. मूलकत्ती टीकाकर्ता विशेषः विषयः टीकाकर्ता रचनाकाल मुद्रणमूल टीका स्थान पयं लोक पत्र मूल टीका प्रति ९ दानकल्पद्रुम. देवसुन्दरः सोमसुन्दरशिष्यः जिनकीर्तिः १० योगफिलॉसॉफी. भगुभाइ (कारभारी) १९१२ थामसन, एण्ड को, मद्रास. १९१२ प्र.५०० पृष्ठ. २६४ प्र.१००० PRASAASAASAASAASAASAASAASAASAASAASA धनाजीका जीवन वृत्तान्त अंग्रेजी, अमेरिका चिकागोमें दियाहुना १८९३ में वीरचंद राघवजी गांधीका भाषण। देवसूरिशिष्य माणिक्यसरि ओर शंकराचार्यका कर्तृत्वादि वादविवाद। " जल्पकल्पलता.सोमसुन्दर-मुनिसुन्दर-जयचंद-मन शेखरशिष्य रखमण्डनःरत्रशेखर काले नंदिरवशिष्य. नि.सा.प्रे. मुंबई १९१२ ) प. ५०० प्र. २३ २ योगरष्टिसमु. स्वोपज्ञः हरिभद्रसूरिकृतः टी. २२६ पृष्ठ.९० प्र.४७५ मैत्रीआदि आठ दृष्टि, अहमदा- बाद सिटिप्रेस १९१२ ॥२॥ Jhin Education For Private Personal Use Only nelibrary.orgPage Navigation
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