Book Title: Lokprakash Part_1
Author(s): Vinayvijay
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 13
________________ २३ चतुर्विशतिजि- श्रीविजयसेनकाले आनन्दविजयनानन्दस्तुतिः शिष्यः निर्मल ४६१६ ५.३०. प्रि० अह प्र. ५०० मदाबाद. १९१४ चौवीस तीर्थकरकी स्तुति २४ षट्पुरुषचरित्रं देवसुन्दरशिष्यः क्षेमकरः लुहानाने. बडोदा १९१५ प.४१ प्र. ५०० उत्तमोत्तमादि छह पुरुष २५ स्थूलभद्चरित्रं जयानन्दसूरिः ६९० शीलकी महत्तामें ४१, . प.४४ प्र. ७५० SANSARESERECACANCE २६ धर्मसंग्रहः विजयानन्द, शान्तिविजयशिष्यः पूर्वार्द्धः स्वोपज्ञः मानविजयोपाध्यायः ९४२३ नि.सा.प्रे. १ मुंबई. १९१५ प.२५९ प्र. ५०० सामान्य और विशेष गृहस्थका धर्म IN२७ संग्रहणी (पृथक् अभयदेव. हेम० श्रीचन्द्रशिष्यः मूल) श्रीचंद्र देवभदः " १९१५ ) गाथा२७३ प. १३८ ३५०० प्र. ५०० देव, नारक, स्थिति भव अवगाहना वगेरह JainEducation ints For Private Personel Use Only

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