Book Title: Kuvalayamala Part 1 Author(s): Bhuvanbhanusuri Publisher: Divya Darshan Trust View full book textPage 6
________________ ९२ १०३ १११ क्या कहां? १. कथा जिसमें नहीं व्यथा २. कथा के ४ प्रकार ३. कुवलयमाला कथा का प्रारंभ ४. प्रार्थना से इष्टसिद्ध ५. अरिहंत ही उपास्य क्यों? ६. आराधना-विधि ७. राजा और देवी का मधुर संवाद ८... राजपुत्र का जन्म ९. कुवलयचन्द्र का अपहरण १०. क्या क्या पढ़ना चाहिए? ११. कामान्ध श्रेष्टिपत्र का दृष्टांत १२. महर्षि की भव्य वाणी १३. चार प्रकार की बुद्धि १४. इष्ट देव कैसे हों? , १५. संसार पर वैराग्य के तीन कारण १६. नरक गति के दुःख १७. क्रोध कषाय १८. कुपुरुष के चार लक्षण १९. भाई-बहन का घात २०. चंडसोम का पश्चात्ताप २१. पाप-नाश के अज्ञान-शास्त्र कथन २२. पापनाश के उपाय x - १३१ १४० १४९ १६५ १७० १८१ १९८ आप पपाय २१४ २२७ २३४ २४२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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