Book Title: Kuvalayamala Katha Sankshep
Author(s): Udyotansuri, Ratnaprabhvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 4
________________ दाक्षिण्यचिह्वाङ्क -श्रीमद्-उद्योतनसूरिविरचिता कुवलयमाला (प्राकृतभाषानिबद्धा चम्पूवरूपा महाकथा) अतिदुर्लभ्यप्राचीनपुस्तकद्वयाधारेण सुपरिशोध्य बहुविधपाठमेदादियुक्तं परिष्कृत्य च संपादनकर्ता डॉ. आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये, एम्. ए., डी. लिट्. प्राध्यापक, राजाराम कॉलेज, कोल्हापुर (दक्षिण) प्रथम भाग - मूल कथाग्रन्थ प्रकाशनकर्ता अधिष्ठाता, सिंघी जैन शास्त्र शिक्षा पीठ भारतीय विद्या भवन, बम्बई विक्रमाब्द २०१५] प्रथमावृत्ति [खिस्ताग्द १९५९ ग्रन्थांक ४५] सर्वाधिकार सुरक्षित [मूल्य रु. १५-५० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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