Book Title: Kundkundacharya
Author(s): Prabha Patni
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ कुन्दकुन्दाचार्य रेखांकनः बनेसिंह मां! आज मन्दिर में सन्यासीजी ने अपने प्रवचन के प्रारम्भ में क्या पढ़ा था! बेटा। मंगलाचरण पदा था। KOUP -ARSA ( मां मंगलाचरण का क्या अर्थ होता है और उसे क्यों पढ़ा जाता है ? प्रत्येक कार्य के प्रारम्भ में मंगलाचरण पढ़ा जाता है जिससे कार्य बिनाकठिनाई के पूरा हो जाता KSON 3033

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28