Book Title: Kundkundacharya
Author(s): Prabha Patni
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ हेस्वामी! मैं बहुत गरीब आदमी इं। मेरा भविष्य और उन्नति का मार्गबताईए। वत्स तेरी आयु एक माह की शेष रह गई है तू अपने स्वामी करमन्डु के घर में पुत्र के रुप में जन्म लेगा। suuuuutunt मैं मर SHO जाऊंगा। मुझे बहुत डर लग रहा है,स्वामी! मेरी रक्षा का उपायबताई। वत्स! सभी को मरना पड़ता है। मृत्यु से कोई नहीं बचा सकता। वत्स! भयमत कर। मैं तुझे एक मंत्र देता हूं। जब भी डर लगे उसे पढ़ना। जरूर दीजिए स्वामी।

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28