Book Title: Kundkundacharya
Author(s): Prabha Patni
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 16
________________ गुरुदेव। मैं मुनिदीक्षा लेना चाहता वत्स। मुनिबनना बहुत कठिन काम है। चौबीस घन्टे में विधिपूर्वक एक बार नीरस भोजन और पानी लेना। नग्न रहना, । घर में रहकर साधना करों। गुरुदेव। मैं बालक अवश्य हं किन्तु मैंने मुनिदीक्षा लेने का निश्चय कर लिया है आप परीक्षा ले लीजिए। मुनिराज की दिनचर्या पता है! जैन दर्शन का ज्ञान है ? SWAMIRKAISpace D हा गुरूदेव। ज्जया felFO GOOD cumzाए IRTICLI Kusum

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