________________
प्रिय। जीना एक कला है, हमें अपनी संतान को धर्म और संस्कृति के संस्कार देने चाहिए। आजीविकाका रास्ता तो वह स्वयं खोज लेगा।
पिताजी! आजकल कितनी हिंसा हो रही है। निरअपराध प्राणीमारे जा रहे है। मेरी पाठ्यपुस्तिका में महावीर गौतम,नानक,गांधी, की जीवनी दी है। किसी भी महापुरुष ने हिंसा का उपदेश नहीं दिया। सब करुणा के अवतार थे।
स्वामी! अब आप ही समझाईए अपने
पुत्र को।