Book Title: Kshamadan Diwakar Chitrakatha 001
Author(s): Kevalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 23
________________ क्षमादान दूत ने वापस आकर चण्डप्रद्योत की बातें राजा उदायन को सुनाई। बातें सुनकर उदायन क्षुब्ध हो गये। चण्डप्रद्योत को उसकी करनी का फल मिलना ही चाहिए। युद्ध की तैयारी की जाये। IROOOOOOvi उदायन ने चण्डप्रद्योत की राजधानी पर आक्रमण कर दिया। दोनों सेनायें अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित होकर युद्ध भूमि में आकर घमासान युद्ध करने लगीं। NCP युद्ध करते-करते शाम हो गई और पहले दिन युद्ध विराम कर दिया गया। ११ airt Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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