Book Title: Kirti Kaumudi tatha Sukrut Sankirtan Author(s): Someshwar Mahakavi, Arisinh Thakkur Kavi, Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai View full book textPage 6
________________ महामात्य-वस्तुपाल-कीर्तिकीर्तनखरूप-काव्यद्वय महाकवि-सोमेश्वरदेव - विरचित कीर्ति को मुदी तथा कवि - अरिसिंह ठक्कुर - विरचित सुं कृत संकीर्तन नम्र सूचन इस ग्रन्थ के अभ्यास का कार्य पूर्ण होते ही नियत समयावधि में शीघ्र वापस करने की कृपा करें. जिससे अन्य वाचकगण इसका उपयोग कर सकें, संपादनकर्ता अनेकग्रन्थभाण्डागारोद्धारक-विविधदुर्लभ्यग्रन्थसंशोधक जिनागमप्रकाशकारि-प्रतिष्ठानप्रवर्तक आगमप्रभाकर - मुनिप्रवर श्री पुण्यविजय सूरि । O वि DON +inA ASPITH प्रकाशनका अधिष्ठाता, सिं घी जैन शास्त्र शिक्षा पीठ भारतीय विद्याभवन, बम्बई विक्रमाब्द २०१७] प्रथमावृत्ति [खिस्ताब्द १९६१ Vvvvvvvvvv ग्रन्थांक ३२] सर्वाधिकार सुरक्षित [ मूल्य रु० ६/६० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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