Book Title: Khartargaccha Pattavali Sangraha
Author(s): Jinvijay
Publisher: Babu Puranchand Nahar

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Page 65
________________ अनुक्रमणिका ' नाम पृष्ट नाम अकबर (-साहि) १३,३४,५६ ग्राऊग्राम अकबराबाद ३६ आकरपुर खयराज मंत्री) पागरा (-नगर) १३,३०,३३.३५ अग्निवश्यायन ( गोत्र) ६.१५ प्राचाय खरतर शाखा (प्राचार्यांय गच्छ) ३३,५६ अचलदास श्रादि (गोत्र) अचूका ४० प्राद्यपक्षीयगण अजमेर (अजमेरु, अजयमेरु,-दुर्ग,-नगर ) श्राबू (अर्बुदादि, अर्बुदाचल) ३,१२,२१,३२,३३,३७,४३ ४,११,२५,२७,२५,५०,५१,५४ श्राभू २६,२७,५१ अजितशांतिस्तव ४८ पायधर्म अणहिलपत्तन (-पाटण, पुरपत्तन, पाटक, पुरपाटण) थार्यनन्दि २१,२६,२७,२६,४४,५०,५१,५३-५६ अायभद्र अनार्यदेश १७ श्रायमहागिरि अनूपचंद ३८ प्रायमंगु अभयकुमार १०,२३ आयरजित सुरि अभयदेव सूरि (-प्राचार्य) ३,१०,२३,२४,३४,४५,४६ श्रार्यवयरदि अमरसर ४० प्रायश्यामा अमृतधर्म ३६ श्रार्यसमुद्रसूरि अम्बका टुक ५० आर्य संभूति विजय अम्बिका (अम्बा) १०,२१,२६,३६,४०,४३,५० श्रार्य सुहास्ति सूरि ११,२६,२७,२६,५१ श्रारासन नगर अम्भोहर देश २० पावश्यक नियुक्ति अयोध्या ३८ श्रावश्यक लघुवृत्ति अलसेल कूपिका अाषाढाचार्य अल्लावदीन (पातिसाहि) प्रासकरण -साह १४,३५,३६,४०,५६ अवन्ती ( 'उज्जैन' देखो) अाबाउलिपुर अवन्ती सुकुमाल अव्यक्त (३य निह्नव) प्रासाधीर अश्वमित्र श्रासानगर (-पुर) ११,२५ अहमदाबाद ( राजनगर ) १३,३३,३४,३६,३८,४० प्रचलिक मत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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