Book Title: Khartargaccha Pattavali Sangraha Author(s): Jinvijay Publisher: Babu Puranchand Nahar View full book textPage 1
________________ Jain Education International कलकत्ता-निवासी बाबू पूरणचन्दजी नाहर, एम्०ए० बी० एल० की धर्मपत्नी श्री इन्द्रकुमारीजीके ज्ञानपंचमी तपके उद्यापनार्थ वितीर्ण खरतरगच्छ-पट्टावली-संग्रह संग्राहक श्री जिनविजयजी अधिष्ठाता - सिंघी जैन ज्ञानपीठ शान्ति निकेतन प्रकाशक बाबू पूरणचन्द नाहर, एम० ए० बी० एल० नं० ४८, इंडियन मिरर स्ट्रीट, कलकत्ता वीर नि० सं० २४५८ ] [विक्रम सं० १९८८ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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