Book Title: Karm Ki Gati Nyari Part 02 03 04
Author(s): Arunvijay
Publisher: ZZZ Unknown
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में कैसा रस पड़ा है ? उसके आधार पर उसे शुभ या अशुभ फल मिलेगा। तथा अन्त में आत्मा में आए हुए कार्मण वर्गणा के पुद्गल परमाणुओं की संख्या कितनी थी ? उनका प्रमाण कितना था ? कितने प्रमाण में कर्म दलिकों का संग्रह हुआ है यह जानना प्रदेश बंध कहा जाता है। सामान्य समझ के लिए साथ का यह चित्र देखा जाय तो थोड़ा ख्याल इन शब्दों का आएगा।
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9 प्रकृति
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स्थिति
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3 रस
प्रदेश
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इस चित्र में चार भाग में प्रकृति आदि चार का स्वरूप समझाया गया है। जैसे (१) तपस्वी को पारणा करते समय सूड-पीपरामूल की गोली खिलाई जाती हैं । उकाली पिलाई जाती हैं। क्योंकि संठ का स्वभाव आयुर्वेद ने दीपक-चापक
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कर्म की गति न्यारी
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