Book Title: Karm Ki Gati Nyari Part 02 03 04
Author(s): Arunvijay
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 171
________________ चार प्रकार के लड्डु का दृष्टांत elai aus मेथी ers deaters saians प्रदेश बन्ध में कार्मण प्रदेशों की कम-ज्यादा संख्या समझने के लिए चार प्रकार के लड्डुओं का यह चित्र दर्शाया है । (१) बुन्दी का लड्ड है। (२) मेथी का लड्डु है, (३) तिल का लड्डु है । (४) सोंठ का लड्डु है । इन चारों प्रकार के लड्डुओं की आकृति-साईज एक समान है । पहले बुन्दी के लड्डु में बुन्दी के दाने कितनी संख्या में है ? मानों की ५०० दाने है। इसी साइजवाले दूसरे मेथी के लडडु में मेथी के दाने कितने हैं ? १००० से २००० भी हो सकते हैं । चूकि बुन्दी से मेथी की साइज छोटी है । अतः संख्या ज्यादा रहेगी। इसके बाद तीसरा लड्ड तिल का है । इसमें तिल के दाने कितने होंगे ? तिल की साईज बहुत ही छोटी होने के कारण संख्या बहुत ज्यादा होगी । सम्भव है ४-५ हजार से भी ज्यादा हो । तथा उस्से भी ज्यादा चौथे प्रकार के सोंठ के लड्डु में सोंठ के कण-कण की संख्या कितनी होगी। पिसी हुई सोंठ जो चूर्णरूप में हो गई है और उसका लड्डु यदि बनाया जाय तो उसमें सूई की नोंक पर आए ऐसे कणों की संख्या शायद १-२ लाख से भी काफी ज्यादा होगी या चूरमा का लड्डु हो तो उसमें भी कण छोटे-छोटे हैं । उदाहरणार्थ मुह पर लगाए जाने वाले टेल्कम पावडर में एक-एक कण कण गिनने बैठे तो संख्या कितनी होगी ? या एक चॉर्क में चूने के कितने परमाणु होंगे ? उनकी संख्या संख्यात हो या असख्यात भी हो सकती है । ठीक इसी तरह आश्रव मार्ग में रही हुई आत्मा इन्द्रिय, कषाय-अव्रत-योग और क्रिया के प्रमुख आश्रव मार्ग से जब बाहरी आकाश में से कार्मण वर्गणा के पुद्गल परमाणुओं खिंचती है तब आत्मा में आए हुए कार्मण परमाणुओं का प्रमाण कितना है यह प्रदेश बन्ध कहलाता है । जैसे तम्बाकू का पावडर जिसे तपकीर या नसवार या अन्य नामों से भी कहते हैं उसे एक बुढिढ सूघती है-नाक से खिंचती है । वह उसके शरीर में जाता है। एक बार सूघने में कितने परमाणु गए ? उसी तरह दिन में १०-२० बार सूघे तो कितने तम्बाकू के परमाणु उसके शरीर में गए ? उसी तरह प्रदेश बन्ध की प्रक्रिया में आत्मा कार्मण वर्गणा के १७० कर्म की गति न्यारी

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