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श्री जिनाय नमः * पं. श्री कल्याणविजयगणि-विरचिता स्वोपज्ञ
गुजराती भाषा टीका सहित श्री कल्याण कलिका
प्रथमो भागः (प्रथम खण्डात्मकः)
प्रकाशकः श्री क. वि. शास्त्र संग्रह समिति
जालोर (राजस्थान)
द्वितीयावृत्ति प्रतयः १००० वौर संवत २५१३ वि. स. २०४३ इस्वी सन १९८७
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