Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 13
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 443
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४२८ कैलास श्रुतसागर ग्रंथ सूची आ. ज्ञानविमलसूरि, मा.गु., पद्य, आदि: तुमसुं प्रीत बंधाणी; अंति: शिवसुख रयणना खाणी, गाथा-५. २६. पे. नाम. साधारणजिन स्तवन, पृ. ३३आ-३४अ, संपूर्ण. मु. भावसागर, मा.गु., पद्य, आदि: अतुलबल अरिहंतजी शिवद; अंति: भावसागर० अति श्रीकार, गाथा-५. २७. पे. नाम. ऋषभजिन स्तवन, पृ. ३४अ-३४आ, संपूर्ण. शत्रुजयतीर्थ स्तवन, आ. ज्ञानविमलसूरि, मा.गु., पद्य, आदि: इणि रेडुंगरीई; अंति: नयविमल० भव पार उतारो, गाथा-६. २८. पे. नाम. शंखेश्वर पास स्तवन, पृ. ३४आ-३५आ, संपूर्ण. पार्श्वजिन स्तवन-शंखेश्वर, वा. उदयरत्न, मा.गु., पद्य, वि. १७८०, आदि: पासजी प्रणमु तोरा रे; अंति: उदयरतन०तोसुं लगन लगी, गाथा-९. २९. पे. नाम. रहनेमि स्वाध्याय, पृ. ३५आ-३८अ, संपूर्ण. रथनेमिराजिमती सज्झाय, म. ऋद्धिहर्ष, पुहिं., पद्य, आदि: देखी मन देवर का; अंति: ऋद्धिहर्ष कहे एम, गाथा-२०. ३०. पे. नाम. सुवधिजिन स्तवन, पृ. ३८अ-३८आ, संपूर्ण. सुविधिजिन स्तवन, मु. सुमतिकुशल, मा.गु., पद्य, आदि: प्रभुजी प्रीतम प्राण; अंति: सुमतिकुशल गुण गाय, गाथा-६. ३१. पे. नाम. शीतलजिन स्तवन, पृ. ३८आ-३९आ, संपूर्ण. मु. सुमतिकुशल, मा.गु., पद्य, आदि: प्रभुजी श्रीशीतलजिन; अंति: सुमतिकुशल०मन अति घणो, गाथा-७. ३२. पे. नाम. श्रेयांसजिन स्तवन, पृ. ३९आ-४०आ, संपूर्ण. मु. सुमतिकुशल, मा.गु., पद्य, आदि: श्रेयांस जिणेशरु; अंति: सुमतिकुशल० गुणगाय के, गाथा-६. ३३. पे. नाम. मुनिसुव्रतजिन स्तवन, पृ. ४०आ-४१आ, संपूर्ण. मु. सुमतिकुशल, मा.गु., पद्य, आदि: मुनिसुव्रत जिन वीनति; अंति: करज्यो प्रतिपाल के, गाथा-७. ३४. पे. नाम. ऋषभजिन स्तवन, पृ. ४१आ-४२आ, संपूर्ण. आदिजिन स्तवन, मु. रामविजय, मा.गु., पद्य, आदि: सकल सुरासुर सेवित; अंति: राम० सुख सदाजी, गाथा-५. ३५. पे. नाम. गोडीपार्श्वजिन स्तवन, पृ. ४२आ-४३आ, संपूर्ण. पार्श्वजिन स्तवन-गोडीजी, मु. दीपविजय, मा.गु., पद्य, आदि: लाखीणो सोहावें जिनजी; अंति: दीपविजय०बंदु बिजयहीर, गाथा-७, (वि. प्रतिलेखक ने दो-दो गाथाओं को एक गिना है.) ३६. पे. नाम. पार्श्वजिन स्तवन, पृ. ४३आ-४४अ, संपूर्ण. मु. हर्षचंद, पुहिं., पद्य, आदि: या सुंदर मुरति पासकी; अंति: हरषचंद गुण गातरी, गाथा-५. ३७. पे. नाम. पार्श्वजिन स्तवन, पृ. ४४अ-४४आ, संपूर्ण. पार्श्वजिन पद-चिंतामणि, श्राव. बनारसीदास, पुहि., पद्य, आदि: चिंतामणिस्वामी सच्चा; अंति: करे बनारसी बंदा तेरा, गाथा-४. ३८. पे. नाम. रामायन अष्टपदी, पृ. ४४आ-४५अ, संपूर्ण. पुहि., पद्य, आदि: विराजै रामायन घटमा; अंति: निहचै केवल राम, गाथा-८. ३९. पे. नाम. आदिजिन स्तवन, पृ. ४५आ-४६अ, संपूर्ण. आदिजिन स्तवन-जन्मबधाई, मा.गु., पद्य, आदि: आज तो बधाइ राजा नाभि; अंति: आदिसर दियालरे, गाथा-६. ४०. पे. नाम. वीरजिन स्तवन, पृ. ४६अ-४६आ, संपूर्ण. महावीरजिन स्तवन, मु. सिंहकुशल, मा.गु., पद्य, आदि: वीर जिणेशर वीनती; अंति: सिंहकुशल सफली थाय के, गाथा-४. ४१. पे. नाम. रहनेमि सज्झाय, पृ. ४६आ-४७आ, संपूर्ण. रथनेमिराजिमती सज्झाय, आ. ज्ञानविमलसूरि, मा.गु., पद्य, आदि: छेडोनाजी३ देवरिया; अंति: ज्ञानविमल गुण माला, गाथा-५. ४२.पे. नाम. नंदिषेणऋषि स्वाध्याय, पृ. ४७आ-४९अ, संपूर्ण. For Private and Personal Use Only

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