Book Title: Jiye to Aise Jiye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

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Page 2
________________ स्वस्थ, प्रसन्न और मधुर जीवन की राह दिखाने वाली प्रकाश किरण से दीप्त अनूठी पुस्तक V फलदायी के लिए ही प्रयत्न, स्वस्थ मन की वकालत से शुरू होती है यह किताव। 1 शालीनता, समय की नज़ाकत और कामयाबी के लिए कोशिशों पर बल दिया गया है। । शिक्षा और स्वाध्याय को बताया गया है जीवन के नायाब पहलू। · अंतर्मन को साफ रखने तथा संस्कारों को सुधारने की ओर चलने की सलाह। V प्रेम को प्रार्थना की तरह लेने का ठोस विचार। । मन उर्वर बनाए रखने और उसकी शांति के मंत्र। । चित्त के रूपांतरण यानी आत्मविजय प्राप्त करने के लिए सहज उपायों का आकलन। । स्वस्थ सोच और सकारात्मक जीवन-दृष्टि की अनिवार्य रूपरेखा है। ' अंत में बताया गया है ध्यान के द्वारा जीवन की चिकित्सा करने का सरल मार्ग। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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