Book Title: Jinabhashita 2001 12 Author(s): Ratanchand Jain Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra View full book textPage 2
________________ रजि. नं. UP/HIN/29933/24/1/2001-TC जिनभाषित दिसम्बर 2001 वर्ष 1 मासिक अङ्क 7 सम्पादक प्रो. रतनचन्द्र जैन अन्तस्तत्त्व कार्यालय 137, आराधना नगर, भोपाल-462003 म.प्र. फोन0755-776666 • विशेष समाचार : दो समाधियाँ • आपके पत्र : धन्यवाद . सम्पादकीय : आर्यिका माता पूज्य, मुनि परमपूज्य . प्रवचन : अपने आदर्शों के पीछे चलो : आचार्य श्री विद्यासागर लेख सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द लुहाड़िया पं. रतनलाल बैनाडा डॉ. शीतलचन्द्र जैन डॉ. श्रेयांस कुमार जैन प्रो. वृषभ प्रसाद जैन डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती' __शिरोमणि संरक्षक श्री रतनलाल कँवरीलाल पाटनी (मे. आर.के. मार्बल्स लि.) किशनगढ़ (राज.) श्री गणेश राणा, जयपुर द्रव्य-औदार्य श्री अशोक पाटनी (मे. आर.के. मार्बल्स लि.) किशनगढ़ (राज.) • नई सहस्राब्दी और भारत : डॉ. अशोक सहजानन्द • जैन श्रमण परम्परा के अद्वितीय श्रमण : मुनि श्री अजितसागर समाधिमरण : जीवन सुधार की कुंजी : पं. मिलापचन्द्र कटारिया • डॉ. दरबारीलाल जी कोठिया की अन्तर्यात्रा डॉ. शीतलचन्द्र जैन जैन संस्कृति में पर्यावरण-चेतना : डॉ. श्रीरंजन सूरिदेव वर्तमान सामाजिक असमन्वय के कारण : डॉ. सुरेन्द्र 'भारती' . शंका समाधान : पं. रतनलाल बैनाड़ा . व्यंग्य : कार-कथा : शिखरचन्द्र जैन • स्तुति : कविवर दौलतराम जी .कविताएँ • कोई एक किसी दूरी को : अशोक शर्मा यहाँ कुछ नहीं है अपनी इच्छा से : कमार अनेकान्त जैन जब धर्म का झण्डा डंडा बन जाता है : आचार्य श्री विद्यासागर : प्रो. (डॉ.) सरोजकुमार प्रकाशक सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी, आगरा-282002 (उ.प्र.) फोन : 0562-351428,352278| आवरण 3 आवरण 3 मुखौटे सदस्यता शुल्क शिरोमणि संरक्षक 5,00,000 रु. परम संरक्षक 51,000 रु संरक्षक 5,000 रु. आजीवन 500 रु. वार्षिक 100 रु. एक प्रति 10रु. सदस्यता शुल्क प्रकाशक को भेजें। . बोधकथा : धर्मराज का वात्सल्यभाव 17 समाचार 15,17,27,29 Jain Education Interational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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