Book Title: Jinabhashita 2001 10
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 21
________________ के लिये भी अज्ञानी लोगों द्वारा बाधा उपस्थित की जाती है। निगोद जाते हैं। उपर्युक्त प्रश्नोत्तर में उपेक्षा शब्द अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। समस्त जे पावमोहियमई लिंगंत्तण जिणवरिदाणं। साधर्मी भाइयों को इस उपेक्षा शब्द को ध्यान में रखकर व्यवहार पावं कुणंति पावा ते चत्ता मोक्खमग्गम्मि मोक्षपाहुड़।78।। करना उपयुक्त है। गाथार्थ - जो पाप से मोहित बुद्धि मनुष्य, जिनेन्द्रदेव का लिंग और भी कहते हैं धारण कर पाप करते हैं वे पापी मोक्षमार्ग से पतित हैं। जहजायरूवसरिसो तिलतुसमित्तं ण गिहदि हत्थेसु। उपर्युक्त आगम प्रमाणों को व अष्टपाहुड़ आदि ग्रन्थों के द्वारा जड़ लेइ अप्पबहुयं तत्तो पुण जाइ णिग्गोदं सूत्रपाहुड़॥18॥ | शिथिलाचारी साधुओं की वंदना, नमस्कार आदि से होने वाले दोषों गाथार्थ - नग्न मुद्रा के धारक मुनि तिलतुष मात्र भी परिग्रह | को समझकर आगम के अनुसार प्रवृत्ति करना योग्य है। अपने हाथों में ग्रहण नहीं करते। यदि थोड़ा बहुत ग्रहण करते हैं तो 1205, प्रोफेसर्स कालोनी, आगरा-282002, उ.प्र. अ.भा. श्री दिगम्बर जैन ज्ञानोदय तीर्थक्षेत्र ज्ञानोदय नगर, नारेली, अजमेर (राज.) अजमेर, 30 सितम्बर 2001। श्री दिगम्बर जैन ज्ञानोदय तीर्थ | महतिया, संजय स्टील्स परिवार की ओर से आयोजित थी। जिसमें क्षेत्र नारेली, अजमेर के आदिनाथ जिनालय के विशाल ज्ञानोदय | सैकड़ों महिलाओं व पुरुषों ने भाग लेकर अपना जीवन सार्थक किया। सभागार में आज वार्षिक जिनाभिषेक का भव्य कार्यक्रम बड़े उत्साह क्षेत्र के अध्यक्ष श्री भागचन्द गदिया ने सभी आगन्तुकों का एवं हर्षोल्लास के साथ आठ हजार से अधिक धर्मप्रेमी बन्धुओं के | सम्मान करते हुए क्षेत्र के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की, सभा बीच पूरे भक्ति भाव के साथ सम्पन्न हुआ। दर्शनार्थियों के विशाल का संचालन करते हुए डॉ. ओ.पी. जैन ने बतलाया कि क्षेत्र पर स्थित जनसमूह के कारण आज यह विशाल सभागार भी छोटा पड़ गया। | गौशाला में चार सौ पच्चीस गायें हैं जिनके भोजन, पानी की केसरगंज, अजमेर के सर्वश्री ताराचन्द दिलीपकुमार पाण्डया, श्री सुव्यवस्था यहाँ की गई हैं। त्रिकाल चौबीसी के चार मंदिर, सन्तशाला, रमेशचन्द्र सुरेश चन्द्र पाण्डया, श्री विमलचन्द्र अजितकुमार जैन तथा एक धर्मशाला, सहस्त्रकूट जिनालय पूर्ण हो चुके हैं। सोलह त्रिकाल सीकर के श्री धर्मचन्द्र विद्याकुमार दीवान ने क्रमशः श्री शान्तिनाथ चौबीसी जिनालय, त्रिमूर्ति जिनालय, आर्यिका वसतिका, दूसरी भगवान के कलश करने का सौभाग्य अर्जित किया। धर्मशाला शीघ्र ही पूर्ण होने वाली है। शेष जिनालय, हॉस्पीटल, स्कूल इस समारोह में भाग लेने के लिये अजमेर नगर के अलावा आदि भी निर्माणाधीन हैं। आदिनाथ जिनालय में जैन विश्व की सबसे नसीराबाद, जैठाना, मांगलियावास, छोटा लाम्बा, वीर, भवानीखेड़ा, | बड़ी पद्मासन प्रतिमा 21 फुट की है जो यहाँ विराजित हो चुकी है मदनगंज-किशनगढ़ एवं अन्य समीपस्थ ग्रामों के चार हजार से अधिक | | एवं इस मंदिर का कार्य पूर्णतया की ओर अग्रसर हो रहा है। आगे आबालवृत पुरुष, महिला पदयात्रा करते हुए एवं मार्ग में जय-जयकार | उन्होंने बतलाया कि सहस्त्र कूट जिनालय की 1008 प्रतिमाओं में करते हुए क्षेत्र पर पधारे। पुरुषगण सफेद वस्त्रों में एवं महिलाएँ केसरिया | से 840 प्रतिमाएँ जयपुर में बनवाई जा रही हैं तथा शेष के लिये वस्त्रों में सुसज्जित थे। इसी श्रृंखला में अजमेर नगर के करीब दो हजार | दातारों को अपनी चंचला राशि के सदुपयोग का अवसर उपलब्ध पदयात्री जुलूस रूप में बैंड बाजे के साथ चल रहे थे और जीप में | है। मुनि श्री सुधासागर जी महाराज का भव्य चित्र सुशोभित था। जुलूस | क्षेत्र की ओर से आर.के. मार्बल्स लि. किशनगढ़ वालों ने का शुभारंभ सोनी जी की नसियां से प्रातः साढ़े पाँच बजे सर्वश्री | विभिन्न अंचलों से पधारे हुए पदयात्री संघों के अध्यक्षों एवं संयोजकों त्रिलोकचन्द, संजयकुमार, राजेश कुमार सोनी परिवार द्वारा हरी झण्डी | आदि का तिलक लगाकर, माल्यार्पण कर, शॉल एवं प्रतीक चिन्ह दिखाकर किया गया, जो नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए क्षेत्र के | भेंट कर सम्मान किया गया। सिंहद्वार पर पहुँचे। मार्ग में नया बाजार, गोल प्याऊ, मदार गेट, | इसी श्रृंखला में पदयात्रियों के लिये मार्ग में नाश्ता, अल्पाहार पार्श्वनाथ मंदिर केसरगंज, पाल बिचला, गांधी नगर, पार्श्वनाथ मंदिर | आदि के व्यवस्थापकों एवं आज के वात्सल्य भोज प्रदाता मेसर्स नाका मदार, नेहरूनगर आदि स्थानों पर इनका दूध, अल्पाहार, फल | आर.के. मार्बल के 102 वर्षीय बाबा रतनलाल पाटनी जो, इस आयु फ्रूट, माल्यार्पण द्वारा सम्मान किया गया। क्षेत्र के सिंहद्वार पर सभी | में भी किसी जवान से कम नहीं, का भावभीना सम्मान समिति के स्थानों से पधारे हुए पदयात्रियों एवं दर्शनार्थियों का तिलक लगाकर | अध्यक्ष भागचंद गदिया द्वारा किया गया तथा ज्ञानोदय नवयुवक सम्मान किया गया। सभी के लिए क्षेत्र पर नाश्ते की सुन्दर व्यवस्था मंडल के अध्यक्ष श्री धनराज पाटोदी, अनिल गदिया एवं केसरगंज की गई। इसके बाद वार्षिक कलशाभिषेक के बाद सुन्दर वात्सल्य | के श्री कपिल दनगसिया का भी सम्मान क्षेत्र की ओर से किया गया। भोज की व्यवस्था मै. आर.के. मार्बल लि. मदनगंज की तरफ से | इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे अजमेर जिले के सांसद की गई थी। | प्रो. रासासिंह रावत ने भी दो शब्द धन्यवाद के अर्पित किये जिनका प्रातः 8.00 बजे 'श्री कल्याण मंदिर विधान पूजन' का | भी शाल, प्रतीक चिन्ह व माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। आयोजन श्रीमती मनोरमा देवी मातुश्री संजयकुमार विजयकुमार | हीराचन्द जैन, प्रचार प्रसार संयोजक -अक्टूबर 2001 जिनभाषित 19 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36