Book Title: Jignasa Journal Of History Of Ideas And Culture Part 02
Author(s): Vibha Upadhyaya and Others
Publisher: University of Rajasthan
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Jijñāsā
73 36.3 33.68
बेरोजगारी दर प्रतिशत में (1999-2000) श्रमिक बल (करोड़ में), 1999-2000 कार्य बल (करोड़ में), 1999-2000 बेरोजगारी (करोड़ में), 1999-2000 स्त्री-पुरूष अनुपात (प्रति हजार) प्रति व्यक्ति घरेलू शुद्ध घरेलू उत्पाद (2001) रूपयों में
266
933
10.254
(i) आर्थिक समीक्षा, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, दिल्ली, पृष्ठ 5109-141 (ii) कुरुक्षेत्र, ग्रामीण रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार, मई 2007, पृष्ठ 44-461
उपर्युक्त तालिका से भारत के आर्थिक एवं मानव संसाधन विकास संबंधी कई पहलूओं के विषय में एक तस्वीर हमारे सामने स्पष्ट होती है। देश में लगभग 10 लाख शैक्षणिक संस्थान होने के बावजूद भी यहाँ के लगभग 34. 60 करोड़ लोग निरक्षर हैं। महिलाओं की निरक्षरता दर पुरूषों की तुलना में दुगनी है (पुरूष 25 प्रतिशत, महिला 46 प्रतिशत)। भारत जिसकी आबादी 100 करोड़ से अधिक है, यहाँ आज भी 27.5 प्रतिशत (30 करोड़) लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजर बसर कर रहे हैं अर्थात् प्रतिमाह प्रति व्यक्ति गांव में 356 रूपये एवं शहर में 538 रूपये से ही गुजारा करते हैं। गरीबी की शिकार महिलाएं और खासकर ग्रामीण महिलाएं ही अधिक संख्या में हैं। रोजगार वृद्धि की तुलना देश में बेरोजगार वृद्धि दर कई गुणा तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2000 के आस-पास बेरोजगारों की संख्या 2.66 करोड़ बताई गई थी और इसमे लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है। जिन लोगों को रोजगार प्राप्त था और जो काम कर रहे थे ऐसे लोगों की संख्या हमारे यहाँ लगभग 33.68 करोड़ थी।
भारत में क्षेत्रवार श्रमशक्ति
भारत ग्रामीण आबादी वाला राष्ट्र है। इसलिए अधिकांश मेहनतकशों की आबादी की संकेन्द्रण गाँव की ओर ही है। देश की 100 करोड़ की आबादी में 39.84 करोड़ लोग किसी न किसी कार्य में नियोजित हैं। साथ ही साथ लगभग 91 लाख बेरोजगारों की समस्या से भी देश को सामना करना पड़ रहा है। देश के 91 लाख बेरोजगार में 47 लाख (52 प्रतिशत) शहर एवं 44 लाख (48 प्रतिशत) गाँव में हैं। इन दोनों संख्याओं के जोड़ से देश की श्रम शक्ति बनती है। जिसकी संख्या लगभग 40.68 करोड़ है। जबकि श्रमशक्ति से बाहर जिसे जनगणना में गैर-मजदूर कहा गया है, की संख्या श्रम शक्ति की संख्या से भी 4 करोड़ अधिक अर्थात् 44.40 करोड़ है। जनगणना में श्रम शक्ति तथा गैर-मजदूर दोनों को कार्यशील आयु वाली जनसंख्या माना गया है। यह संख्या 85.30 करोड़ है। इस आयु वर्ग में 5 वर्ष से नीचे आयु वाले बच्चों को नहीं रखा गया है। बल्कि उसके लिए अलग श्रेणी बना दी गई है उसे गैर- कार्यशक्ति आयु वाली जनसंख्या कहा गया है। इस श्रेणी के लोगों की जनसंख्या लगभग 15.29 करोड़ है। इस आयु श्रेणी में वे लोग हैं जो काम में लगे नहीं हैं। परन्तु वे किसी न किसी गैर-आर्थिक कार्य में लगे हैं यथा गृहणी वही गैर-कार्यशील आयु वाले जनसंख्या में 5 वर्ष से आयु वर्ग के लोग हैं।