Book Title: Jainpad Sagar 01
Author(s): Pannalal Baklival
Publisher: Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha

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Page 8
________________ पदोंका अकारादिक्रमसे सूचीपत्र। अ-आ अजित जिनेश्वर अघहरणं अजित जिन वीनती हमारी मानजी . अपनो जानि मोहि तारले शांति कुंथु अर देव अब मोहि जानपरी भवोदधि तारनको है जैन अव मोहि तारलेहु महावीर अब मोहि तारले शांति जिनेश अब मोहि तारले अर भगवान अब मोहि तारले कुथुजिनेश अब हम नेमिजीकी सरन अर्जकर्क (तसलीम कर ) ठाडो विनऊ चरननको चेरो १०८ • अरज जिनराज यह मेरो इस्या अवसर बतावोगे गरज म्हारी मानोजी याही १०५ अरिजरहसिहनन प्रभु मरहन जयवंतो जगमैं अहो देखो केवलशानी छानी छवि मला या विराजे हो अहो नमिजिनप नित नमत शत सुरप आज आनंद वधावा आज गिरिराज शिखर सुंदर सखि आज तो वधाई हो नाभिद्वार

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