Book Title: Jaindharmvarstotra Godhulikarth Sabhachamatkareti Krutitritayam
Author(s): Hiralal R Kapadia
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 168
________________ 151 श्रीजैनधर्मवरस्तोत्रगतसाक्षिभूतसंस्कृतप्राकृतपाठानां वर्णानुक्रमेण सूची क्रमाङ्कः पाठः पृष्ठाङ्कः ग्रन्थादिसूचनम् 49. एते व्रजन्ति हरिणास्तृणभक्षणाय 55 50. एदोतोऽतः 103 सार० 51 ओ 51. ॐ भूर्भुवःस्वः 12 गायत्री क 53. 54 56. 20 63. 6 52.. कञ्चनापि क्षुत्तृटक्लान्तं पद्मा० 13, 287 कमलदलसुनेत्रो 54. कर्णिका कर्णभूषणे 60 हैमा० कर्तव्या देवपूजा 16 कर्म जीवं च संश्लिष्टं योग० 4, 52 57. कल्पद्रुचिन्तामणिकामधेनु० 107 58. कल्पद्रुमस्तस्य गृहेऽवतीर्णः 105 59. कविला इहावि धम्म 60. क्रमेण कार्य भरतेश्वरस्य पद्मा० 17, 303 61. क्व पर्वपीयूषकर: क्व तारकाः 58 पद्मा० 12, 67 62. क्व रत्नकान्तिः क्व च काचकान्ति: 57 क्षान्तितुल्यं तपो नास्ति क्षितिजलपवन० 124 द्वात्रिंशद् 65. क्षितिरुच्यते क्षान्ति० 124 द्वात्रिंशद्० का प्रीतिः सह माजरैः 67. कारणं जगति सर्वसम्पदा 17 68. कालो सहाव नियई उपदेशपदे काव्यं करोतु परिजल्पतु किं स्तुमः शब्दपाथोधेः 71. किं स्नानेनापि नीरे 52 किं स्वर्गेण सदा द्रुमाश्मपशुन पद्मा० 11, 85 73. किमप्यतिथिदानस्य पद्मा० 13, 288 74. किं मन्त्रयन्त्रौषधिमूलिकाभिः 75. कुदेशं च कुमित्रं च 76. कुर्वन्ति सत्साधुगणाः स्वकृत्यं 64. 70. 72. 47

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