Book Title: Jaindharmvarstotra Godhulikarth Sabhachamatkareti Krutitritayam
Author(s): Hiralal R Kapadia
Publisher: Bhadrankar Prakashan
View full book text ________________ 10 श्रीजैनधर्मवरस्तोत्रगतसाक्षिभूतसंस्कृतप्राकृतपाठानां वर्णानुक्रमेण सूची 157 157 क्रमाङ्कः पाठः पृष्ठाङ्कः ग्रन्थादिसूचनम् 212. पञ्चादौ यत्पदानि 213. पणयालीस आगम० 95 214. पण्डित ! स्य सदा पापं 215. पदे पदे सन्ति भटा रणोद्भटा 33 नैषधे स० 1, श्लो० 132 216. पापतापनिचयस्य 100 217. पायच्छित्तं विणओ 117 अतिचार० 7 218. पारावतैः किमयमम्बुनिधिर्न 114 दूताङ्गदे पृ० 10, श्लो० 34 219. पालित्तो वृद्धवादी 101 220. पावयणी धम्मकही 101 सम्बोधप्रकरणे सम्यक्त्वाधि कारे गा० 687 221. पावित्र्यं परमद्धिबाहुबलिनः 120 पद्मा० 17, 392 222. पावेण सवत्तिजणो 223. पिच्छं बह शिखण्डकं 224. पिंडविसोही समिई० 225. पितुः कलाधांतुरभीतिदातु२२६. पिब खाद च चारुलोचने ! 96 षड्दर्शन० 82 227. पीयूषेण सुराः श्रिया मुररिपु२२८. पुण्डरीको ददौ पूर्वं 107 229. पुण्यपापविनिर्मुक्तो 124 द्वात्रिंशद् 230. पुण्यानामिह नायकं 20 . 231. पुष्फवद्दलयं विउव्वंती 66 राजप्रश्नीये 232. पुरीषशूकरः पूर्वं 233. पूजया भवति राज्यमर्जितं 234. २पूजाकोटिसमं स्तोत्रं 235. पूजार्हः स्वगुणैरेवा२३६. पृथ्वीनाथसुता भुजिष्यचरिता 237. पृष्टाश्च ते वदन्ति स्म 64 . 238. प्रभवोऽपि प्रभुर्जीयात् 62 शत्रुञ्जय० 239. प्रभुबिम्बं पुण्डरीक 106 पद्मा० 18, 179 24 pwwm ل . ل ان 1. श्राद्ध वृत्तौ पृ० 189 / 2. उपदेशतरङ्गिण्यां पृ० 172 / 3. उपदेशतरङ्गिण्यां पृ० 27 /
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