Book Title: Jaindharmvarstotra Godhulikarth Sabhachamatkareti Krutitritayam
Author(s): Hiralal R Kapadia
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 191
________________ श्रीजैनधर्मवरस्तोत्रम् 174 109, 110 वृषभ 59, 88, 105, 106, 118, 121 | शिवा वृषभध्वज शीलवती वेणिकृपाण | शुक्र वेमइ शैव वेल्लक श्रावकाचार वैताढ्य श्रावस्ति श्रीमती वैभार श्रीमाल वैशेषिक श्रीमाली व्यवहार श्रुतशर्मन् व्यवहारसूत्र श्रेणिक वैदेही 11. 35-37, 49, 61-64, 107, 110 व्यास श्रेयांस 적 शकट शकड षण्मुख शकडालनन्दन शतानीक शत्रुञ्जय 80 शत्रुञ्जयमाहात्म्य शब्दप्रभेद शम्बूक 9, 14, 27 संस्तारक 110 सगड 3, 41, 43, 54, 79, 80, | सङ्गम 91, 106 सङ्गमक सङ्ग्रामसिंह 103, 116 सञ्चय 112 सत्यकि 53, 69, 82 | सत्यकिन् समन्तभद्र 61 | समर समवायांग 46, 47 | समुद्र समेतशिखर | सम्प्रति शम्भु शय्यम्भव शाकिराज शान्ति शालिभद्र शास्त्रप्रिय शिव 1

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