Book Title: Jain aur Bauddh Bhikshuni Sangh
Author(s): Arun Pratap Sinh
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 5
________________ शोध के क्षेत्र में भिक्षु संघ पर स्वतंत्र रूप से एवं तुलनात्मकरूप से कुछ ही कार्य हुए हैं किन्तु भिक्षुणी संघ के सम्बन्ध में कोई भी स्वतन्त्र अध्ययन नहीं हुए हैं। यद्यपि जैन, बौद्ध एवं हिन्दू परम्परा में नारी जाति की स्थिति को लेकर पूर्व में कुछ शोधकार्य हुए हैं किन्तु जैन और बौद्ध भिक्षुणी संघ पर स्वतन्त्र रूप से एवं तुलनात्मक रूप से कोई भी कार्य नहीं हुआ है। डा० अरुण प्रताप सिंह ने इस विषय पर तुलनात्मक अध्ययन किया है। आज उनकी इस कृति को प्रकाशित रूप में देखकर निश्चय ही अति प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। डा० अरुण प्रताप सिंह प्रारम्भ से ही एक मेधावी छात्र रहे हैं उन्होंने अपने इस अध्ययन को पूरी प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत किया है और यथासम्भव अपने अध्ययन को जैन और बौद्ध परम्परा के आगम ग्रन्थों पर आधारित किया है। साथ ही निष्पक्ष भाव से यह तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया है। मुझे विश्वास है कि शोध के क्षेत्र में उनका यह प्रयास स्मरणीय रहेगा। दलसुख मालवणिया - भू० पू० निदेशक ला. द. भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर अहमदाबाद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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