Book Title: Jain aur Bauddh Bhikshuni Sangh
Author(s): Arun Pratap Sinh
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 282
________________ हमारे महत्वपूर्ण प्रकाशन 1. Political History of Northern India from Jaina Sources -Dr. G. C. Choudhary 80.00 2. An Early History of Orissa-Dr. Amar Chand Mittal 40.00 3. A Cultural Study of the Nisitha Curni-Dr. Madhu Sen 60.00 4. Jaina Temples of Western India-Dr. Harihar Singh 200.00 5. The Concept of Pancasila in Indian Thought -Dr. Kamla Jain 50.00 6. Doctoral Dissertations in Jaina and Buddhist Studies -Dr. Sagarmal Jain & Dr. Arun Pratap Singh 40.00 7. Studies in Jaina Philosophy-Dr. N. M. Tatia 100.00 8. जैन आचार-डा० मोहनलाल मेहता 20.00 9. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग 1 से 7) 290.00 10. यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन-डा० गोकुलचन्द्र जैन 30.00 11. उत्तराध्ययन सूत्र : एक परिशीलन-डा० सुदर्शनलाल जैन 40.00 (उ० प्र० सरकार द्वारा 500 रु० के पुरस्कार से पुरस्कृत) 12. जैन धर्म में अहिंसा-डा० बशिष्ठनारायण सिन्हा 30.00 13. अपभ्रंश कथाकाव्य एवं हिन्दी प्रेमाख्यानक-डा० प्रेमचन्द्र जैन 30.00 (उ० प्र० सरकार द्वारा 1000 रु० के पुरस्कार से पुरस्कृत) 14. जैन धर्म दर्शन-डा० मोहनलाल मेहता 30.00 (उ० प्र० सरकार द्वारा 1000 रु० के पुरस्कार से पुरस्कृत) 15. तत्त्वार्थसूत्र (विवेचन सहित)-पं० सुखलाल संघवी 40.00 16. जैन योग का आलोचनात्मक अध्ययन-डा० अर्हद्दास बंडोवा दिगे 30.00 17. जैन प्रतिमा विज्ञान-डा० मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी 120.00 18. प्राकृत दीपिका-डा० सुदर्शनलाल जैन (छात्र संस्करण) 15.00 (पुस्तकालय संस्करण) 25.00 19. जैनाचार्यों का अलङ्कार शास्त्र को योगदान-डॉ० कमलेश कुमार 40.00 20. जैनदर्शन में आत्मविचार-डॉ. लालचन्द जैन 50.00 21. मूलाचार का समीक्षात्मक अध्ययन-डॉ० फलचन्द जैन 50.00 22. आनन्दघन का रहस्यवाद-डॉ. साध्वी सूदर्शना श्री जी 40.00 23. वज्जालग्गं (हिन्दी अनुवाद)-श्री विश्वनाथ पाठक 8000 छात्र संस्करण -:प्राप्ति स्थान :पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान आई० टी० आई० रोड, वाराणसी-५ (उ० प्र०) 60.00 cationyinternational O ctersonary Tww.janglibrary.org

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