Book Title: Jain Tattva Pradip
Author(s): Mangalvijay
Publisher: Abhaychandra Bhagwandas Gandhi
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भनङ्गक्रीडा अनन्तानुबन्धिकषाय । अनभिगृहीतादिकमिध्यात्व . अनर्थदण्ड भनवकाङ्कक्रिया अनादर भनादिविस्त्रसाबन्ध अनादेयनामकर्मन् अनाभोगबकुश अनाभोगिकक्रिया भनाभोगिकनिक्षप भनाहार अनित्यभावना अनिश्रितग्राहित्व अनीक अनुकम्पा अनुत्सेक अनुपयुक्तमनोवाकाय अनुभागबन्ध भनुश्रेणिगति अन्तराय अन्तराय भन्यस्थौल्य
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