Book Title: Jain Tattva Pradip Author(s): Mangalvijay Publisher: Abhaychandra Bhagwandas Gandhi View full book textPage 127
________________ [ ३३ ] संवृत्तयोनि संवग . संग .. संसारभावना संसारित्व संस्थाननामकर्मन् संस्थानविचयधर्म संहनन सचित्तनिक्षेप सचित्तपिधान सचित्तमिश्राहार सचित्तसंवद्धाहार सचिचा don ' ' " 20 " Ver m सत्कार सत्यभाषा सद्भावप्रतिषेध समनस्क समभिरुढ समादानक्रिया समाधि समारम्भ समिति समूछिम msPage Navigation
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