Book Title: Jain Tattva Pradip
Author(s): Mangalvijay
Publisher: Abhaychandra Bhagwandas Gandhi

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Page 111
________________ चक्षुद्रिय चक्षुदर्शन વર્તન चक्षुदर्शनावरण चतुर्थभावना चतुर्थशुक्रान चतुर्थविचार चतुर्थाध्यान नरकुनील चाणपुलाक चारित्र चारित्रमोहनीय चारित्रचिनय चारित्रचिनय चित्रकर्मनिर्वचन ह छाया छेदनाधिकरण छेदप्रायश्चित्त छेदातिचार छंदोपस्थापनीय जगत्स्वभाव [ 1 ] 4 ገ ܕ ܐ לי ܀ ܆ܐ *.4 ܕ ८८ 1** ६० ६४ १४६ ९२ ₹७ ४८ १४५ ८० १३९ ફર્ € 1* ' ै १५ ܃ܕ ክፍ १८ लादिन लया ह ३ १८ ८ ་. ६ १८

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