Book Title: Jain Sukta Sandoha Author(s): Kailassagarsuri Publisher: Kailas Kanchan Bhavsagar Shraman Sangh Seva Trust Mumbai View full book textPage 3
________________ पू. श्री श्रमणसंघने सादर भेट dattarastrastraterta m ដូច្នេះខ្ញុំធ្វើទៅ៤៩៩៩៥ ៥៥៥៥៥៥៥៥៥៥ योगनिष्ठ शास्त्रविशारद श्रीमद् बुद्धिसागरसूरीश्वरेभ्यो नमो नमः गोडीजी श्री देवसुर संघ ज्ञान भंडार को भेट [ विविधजैनग्रन्थोधृतः जैन सूक्तसंदोहः म संग्राहक योगनिष्ठ शास्त्रविशारद्-आचार्य भगवान श्रीमद् बुद्धिसागर सूरीश्वरपट्टधर-शांतमूर्ति-आचार्यदेव श्रीमद् कीर्तिसागरसूरीश्वर विनेयरत्न तपस्वी मुनिराज श्रीमद् जितेन्द्रसागरान्तिषद् ग.आ.भ. श्रीमद् कैलाससागरसूरीश्वरजी म.सा. प्रकाशक: श्री कैलास-कंचन भावसागर श्रमण संघ सेव ट्रस्ट ११७/६, जवाहरनगर, रोड नं. ८, गोरेगाम (वेस्ट) मुंबई-४०० ०६२. संपादक : पण्डित मफतलाल झघेरचंद्रः Saale विक्रमाब्द २०४६ मूल्यम् पठनपाठनम् वीरनिर्वाणाब्द २५१६ * For Private And Personal use onlyPage Navigation
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