Book Title: Jain Siddhanta Sutra
Author(s): Kaushal
Publisher: Deshbhushanji Maharaj Trust

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Page 6
________________ 'मंगलं भगवो वीरो, मंगलं गोयमो गणी। मंगलं कुण्डकुण्डाइ, जेण्ह धम्मोत्यु मंगलं ।। तीर्थंकर वर्द्धमान महावीर मंगलस्वरूप हैं। गणधर गौतम (दिव्य ध्वनि के संदेशवाहक) मंगलात्मक हैं । कुदकुदादि भाचार्य-कुल (परम्परा) मंगलमय हैं एवं विश्व के समस्त भव्य जीवों को जैन धर्म मंगलकारक हैं।

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