Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 05 Author(s): Bhairodan Sethiya Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner View full book textPage 9
________________ श्रीमान् दानवीर सेठ अगरचन्दजो सेठिया का संक्षिप्त जीवन परिचय विक्रम संवत् १९१३ सावण सुदी ९ रविवार के दिन सेठ साहेब का जन्म हुआ था। आपको हिन्दो, वाणिफा आदि की साधारण शिक्षा मिली थी । साधारण शिक्षा पाकर श्राप व्यापार मे लग गये। भारत के प्रमुख नगर अम्बई पार कलकत्ते मे आपने व्यापार किया । व्यापार में आपका खूब सफलता मिलो और आप लक्ष्मी के कृपापात्र बन गये । धन पाकर आपने उसका सदुपयोग भी किया। आप उदारतापूर्वक धर्मकार्यों में अपनी सम्पत्ति लगाते थे और दीन एव असमर्थ भाइयो को सहायता करते थे। धर्म के प्रति आपकी रुचि बचपन से ही थी और वह जीवन में उत्तरोत्तर बढ़ती रही। आपका स्वभाव कोमल एवं सहानुभूतिपूर्ण था। परहित साधन में आप सदा तत्पर रहते थे। आपका जीवन सादा एव उच्च विचारो से पूर्ण था । मापने श्रावक के व्रत अङ्गीकार किए थे और जीवन भर उनका पालन किया । आपने धर्मपत्नी के साथ शीलव्रत भी धारण किया था। आपके खंध के सिवाय और भो त्याग प्रत्याख्यान थे। श्रापन अपने छोटे भाई सेठ भैरोदानजीसाहेब के ज्येष्ठ पुत्र जेठमलजी साहेव को गोद लिया । उन्हें विनीत और व्यापारकुशल देख कर आपनेPage Navigation
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