Book Title: Jain Shwetambar Tirth Antriksha Parshwanath
Author(s): Antriksha Parshwanath Sansthan Shirpur
Publisher: Antriksha Parshwanath Sansthan

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Page 137
________________ श्री भगवान अंतरिक्ष पार्श्वनाथ के दर्शन कर मेरे मन तथा बुद्धि पर बड़ा प्रभाव पडा है. ऐसे तीर्थस्थान का वातावरण सदा शुद्ध रहे ऐसी मेरी भगवान से प्रार्थना है. यह तीर्थ जिसप्रकार असंख्य लोगोंको शांति देता है वैसेहि सिरपुर के निवासियो तथा इस तीर्थ स्थान की व्यावस्थापिक सभी को शांति मिले. आम जनता तथा खास कर जैन धर्मावलंबियों से मेरी प्रार्थना है कि इस तीर्थ स्थान के महत्व को बढाये. श्री भगवान अंतरिक्ष पार्श्वनाथाचे दर्शन घेऊन मन अतिशय प्रसन्न झाले. मूर्ति अगदी मनाचा ठाव घेणारी आहे. श्वेतांबरी क्षेत्र रक्षक कमेटी तर्फे व्यवस्था फार छान ठेवली आहे. वातावरण धार्मिक शुद्ध व प्रसन्न वाटते व त्यामुळे अंतकरणात पूज्य भाव निर्माण होतो. एकच गोष्ट जरा खटकते ती म्हणजे दिगांबरी लोकांची मनोभूमिका असो. आज दर्शनाने फारच प्रभावित झालो. ह्या पुण्यक्षेत्राची भरभराट करण्यास श्री अंतरिक्ष पार्श्वनाथ भगवान समर्थ आहे. डॉ. कैलास उ. शि. मंत्री, ४-४-६४ I had heard about this extraordinary Deity 35 years before to-day. It was my desire to see this near miracle. The will is fulfilled to-day. This riddle is not capable of a rational solution. It is beyond human comprehension. It can be believed only by seeing. प. अ. बंबेवाले डि. आय. जी., पोलीस नागपूर. दि. ८-७-६४ I wish the visitors in future may get as much satisfaction. Jain Education International The temple is extremely well kept. But the road from Malegaon can certainly be improved. For Private & Personal Use Only sd /-Wagle, Judge, H. C. Bombay 4-11-1964 ११० ) www.jainelibrary.org

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