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प्रत्यक्ष प्रभावी दादा गुरूदेव
दादा श्री जिनदत्तसूरिजी
दादा श्री जिनकुशलसूरिजी
सादर समर्पण
प.पू. समतामूर्ति प्रव.. पापू, प्रव. श्री तिलकश्रीजी म.सा. श्रीविचक्षणश्रीजी म.सा.
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प.पू. महत्तरा श्री विनीताश्रीजी म.सा.
मोक्षपथानुगामिनी, आत्मदृष्टा, समतामूर्ति, समन्वयसाधिका परम पूज्या प्रवर्तिनी महोदया स्व. श्री विचक्षण श्री जी म.सा., आगम रश्मि परम पूज्या प्रवर्तिनी महोदया स्व. श्री तिलक श्री जी म.सा. एवं परम पूज्या महत्तरा श्री विनीता श्रीजी म. सा. आपके अनन्त उपकारों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए आचारदिनकर की अनुवादित यह कृति आपके पावन पाद प्रसूनों में समर्पित करते हुए अत्यंत आत्मिक उल्लास की अनुभूति हो रही है। आपकी दिव्यकृपा जिनवाणी की सेवा एवं शासन प्रभावना हेतु सम्बल प्रदान करें - यही अभिलाषा है ।
- साध्वी मोक्षरत्ना
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