Book Title: Jain Sanskar Evam Vidhi Vidhan
Author(s): Mokshratnashreejiji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 422
________________ प्रवचन-सारोद्धार प्रवचन-सारोबार Junarne लेरिखका एक परिचय.... साध्वी श्री मोक्षरत्नाश्रीजी का जन्म राजस्थान के गुलाबी नगर जयपुर में सन् 1975 को एक सुसंस्कारित धार्मिक परिवार में हुआ। पिता श्री छगनलालजीजुनीवाल एवं माता श्रीमती कान्ताबाई के धार्मिक संस्कारों काआपके बाल मन पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि व्यवहारिक अध्ययन के साथ-साथ ही आप धार्मिक अध्ययन पर विशेष ध्यान देने लगी। शनै:शनै: आपमें वैराग्य-भावना विकसित होती गई और चारित्र व्रत अंगीकार करने का निर्णय ले लिया।आपके दृढ़ संकल्प को देखकर परिजनों ने सहर्ष दीक्षा ग्रहण की आज्ञा प्रदान करदी।अंततः सन् 1998 में जयपुर में हीपू. चंद्रकला श्रीजी म.सा. की पावन निश्रा में प.पू.हर्षयशाश्रीजी म.सा.की शिष्या के रूप में दीक्षित हो गयी|आपका नाम साध्वी मोक्षरत्ना श्री रखा गया / धार्मिक अध्ययन के साथ-साथ आपने गुजरात यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की आपनेडॉ.सागरमलजी के निर्देशन में “आचारदिनकर में वर्णित संस्कारों का तुलनात्मक अध्ययन परशोध प्रबन्ध लिखकर जैन विश्व भारती लाडनू से "डाक्टरेक्ट" की पदवी प्राप्त की हैं। ' PintedalAkratloffset, OBJAINIPT0734-2561720,98272-42489, 98276917 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International

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